पूरी दुनिया क्रिसमस(25 दिसंबर) पर यीशु का जन्म मनाती है। लेकिन, यीशु की जन्मतिथि बाइबल में नहीं है। यह सिर्फ इतना कहती है कि गड़ेरियों ने, जो मैदान में अपने झुंड का पहरा दे रहे थे, यीशु की स्तुति की। कड़ाके की ठंड में मैदान में झुंड का पहरा देना संभव नहीं है। क्या सच में यीशु का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था? प्रारंभिक ईसाइयों ने यीशु का जन्मदिन नहीं मनाया। फिर क्रिसमस की शुरुआत कहां से हुई? 25 दिसंबर, क्रिसमस...
“25 दिसंबर यीशु का जन्मदिन नहीं है, बल्कि सूर्य-देवता का है। क्रिसमस की शुरुआत अजेय सूर्य के लिए एक मूर्तिपूजक उत्सव से हुई है।” Encyclopedia Britannica(ब्रिटानिका विश्वकोश)
‘क्या सच है? क्रिसमस मूर्तिपूजकों का त्यौहार था?’
पुराने रोम में सैटर्नेलिया त्यौहार था जो कि दिसंबर 17 से 24 तक मनाया जाता था। इस त्यौहार में गरीब और अमीर के फर्क को भूलकर लोग भोगविलास में रहते थे। History of Christian Church(ईसाई चर्च का इतिहास)
‘नहीं, ऐसा कैसा हो सकता है!’ 25 दिसंबर, क्रिसमस यीशु का जन्मदिन नहीं है!!!
25 दिसंबर सूर्य देवता, मिथ्रा का जन्मदिन था, जिस समय से दिन बड़ा होने लगता है। Encyclopedia Britannica(ब्रिटैनिका विश्वकोश)
रोमन कैथोलिक ने ‘सूर्य देवता, मिथ्रा’ के प्रति विश्वास को तोड़ने के मकसद से ‘सूर्य देवता के जन्मदिन’ को यीशु के जन्मदिन में बदल दिया। The Golden Bough by James G. Frazer(सोने की शाखाजेम्स जी. फ़्रैज़र)
क्रिसमस ट्री मूर्तिपूजकों के पेड़ की आराधना से आरम्भ हुआ।Encyclopedia Britannica(ब्रिटैनिका विश्वकोश)
लाल रंग के कपड़े और सफेद दाढ़ी के साथ सांता क्लॉज की छवि 1931 में कोका कोला के विज्ञापन के लिए बनाई गई थी।Illustrated by Haddon Sundblom(चित्रण हैडेन सुन्द्ब्लोम)
चर्च अच्छी तरह से जानता है कि क्रिसमस यीशु का जन्मदिन नहीं है। फिर भी, वे अभी भी झूठ बोल रहे हैं कि क्रिसमस यीशु का जन्मदिन है। ईसाई इस बात से पूर्णतः अपरिचित और अचेत हैं।
“यह सन् 354 ईसवी के बाद था कि क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया।” World Book Encyclopedia(वर्ल्ड बुक विश्वकोश)
सन् 354 ईसवी के बाद? अवश्य यीशु के चेलों और प्रेरितों ने कभी भी क्रिसमस नहीं मनाया।
“क्रिसमस न तो परमेश्वर की आज्ञा है और न ही बाइबल पर आधारित है।” Cyclopidia of Biblical, Theological and Eccelsiastical Literature(बाइबल, धर्मशास्त्र और चर्च संबंधी साहित्य का विश्वकोश)उन्होंने सूर्य-देवता के जन्मदिन को यीशु के जन्मदिन में बदल दिया! यह सच में बहुत भयानक है! बाइबल कहती है, “यदि मनुष्यों की आज्ञा मानेंगे, तो परमेश्वर की उपासना करना व्यर्थ है।”(मत 15:8)
बाइबल में कई बार लिखा गया है कि बुतपरस्त रिवाजों का पालन करके इस्राएलियों को कैसे नष्ट किया गया!(यहेज 11:8-12)
सीनै के जंगल में, उन्होंने सोचा कि वे मूर्ति की पूजा करते हुए यहोवा परमेश्वर की उपासना कर रहे थे। (निर्ग 32:1-6)
उत्तरी इस्राएल के राजा यारोबाम ने भी परमेश्वर की आराधना करने का दावा करते हुए, अपनी मर्जी से एक दिन चुनकर पर्व मनाया।(1रा 12:25-33) हालांकि, जिन्होंने मूर्तिपूजा की थी, वे सभी नष्ट हो गए थे। उसी तरह, भले ही वे क्रिसमस पर यीशु की आराधना करने का दावा करें, यह केवल मूर्तिपूजा है। मूर्तिपूजा का अंत विनाश है।
दूसरी बार आने वाले मसीह आन सांग होंग द्वारा स्थापित चर्च ऑफ गॉड सूर्य-देवता का जन्मदिन, क्रिसमस नहीं मनाता, जो बाइबल में नहीं मिलता।
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