मलिकिसिदक की रीति पर यीशु सदा काल के महायाजक इसलिए बनें क्योंकि इस युग में भी,
नई वाचा का फसह मौजूद है जिसे उन्हें याजक के रूप में निभाना चाहिए।
जिस प्रकार पुराने नियम के समय में अब्राहम को रोटी और दाखमधु से आशीष मिली, उसी प्रकार यीशु ने मानव जाति को रोटी और दाखमधु के माध्यम से अनंत जीवन की आशीष दी।
यीशु की तरह, दूसरी बार आए मसीह आन सांग होंग ने भी मलिकिसिदक की रीति पर महायाजक के रूप में सेवा की,
नई वाचा के फसह की रोटी और दाखमधु के माध्यम से अनंत जीवन की आशीष दी।
इस युग में, जो पुरानी वाचा की हारून की रीति का नहीं परन्तु नई वाचा की मलिकिसिदक की रीति का पालन करते हैं,
केवल वे ही प्रतिज्ञा की संतान बन सकते हैं जो परमेश्वर की प्रतिज्ञा के वारिस हैं।
इसलिये जब परमेश्वर ने प्रतिज्ञा के वारिसों पर और भी साफ रीति से प्रगट करना चाहा
कि उसका उद्देश्य बदल नहीं सकता, तो शपथ को बीच में लाया।
जहाँ यीशु ने मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बनकर,
हमारे लिये अगुआ के रूप में प्रवेश किया है।
इब्रानियों 6:17–20
अर्थात् यह कि मसीह यीशु में सुसमाचार के द्वारा अन्यजातीय लोग मीरास में साझी, और एक ही देह के और प्रतिज्ञा के भागी हैं।
इफिसियों 3:6
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